श्री दधिमती माता आरती ( Dadhimati Mata Aarti )
जय दधिमथी माता मैया, जय दधिमथी माता ।
सुख करणी दुःख हरणी ईश्वर अन्न दाता । ॐ जय ।
आदि शक्ति महारानी त्रिभुवन जग माता मैया ।
प्रकट पाल लय करणी सुर नर मुनि ध्याता । ॐ जय ।
विष्णु पति है तिहारो शान्ति है माता मैया ।
पिता अथर्व महर्षि दधिची मुनि भ्राता । ॐ जय ।
सार चुरा विकटासुर दधि बिच ले जाता मैया ।
दधिमथी विकट विडारयो करी जग सुख साता । ॐ जय ।
प्रकट भई भू लोक में मांगलोद माता मैया ।
अटल ज्योति जगती है दर्शन मन भाता । ॐ जय ।
शीश छत्र सुवर्ण को विराजे वसन सुर्ख राता मैया ।
रूप अनूप रति पति सुकचाता । ॐ जय ।
देश देश के यात्री दर्शन करन आता मैया ।
देख छवि माता की चित्त खुश हो जाता । ॐ जय ।
हुए निरंजन विधि से वेद स्तुति गाता मैया ।
चूरमा भोग लगाता आचमन करवाता मैया । ॐ जय ।
चैत आसोजा मेला भरता यात्री बहुत आता मैया ।
महिमा बरणी न जावे पार नही पाता । ॐ जय ।
श्री दधिमथी जी की आरती जो कोई नर गाता मैया ।
कहे गणेश कर जोड भक्ति मुक्ति पाता। ॐ जय ।